विषय : लोकशाही के परिणाम शिक्षण में एतिहासिक परिवर्तन
विषयांग : लोकशाही
उपयुक्त पुस्तक में फल्गुनी सी पटेल ने इस पुस्तक में लोकशाही के बारे में चर्चा की हैं इस पुस्तक के बात से में सम्पुणॅ सहमत हुँ
प्रस्तावना : आधूनिक समय में विश्व विविध देश की राज्य व्यवस्था तरफ विविध प्रकार कर राज्यों की व्यवस्था देखने को मिलती हैं राजाशाही सरमुख्त्यार , साम्यवादी और लोकशाही। विश्व के सभी देशों में लोकशाही राज्य व्यवस्था प्रचलित बनती जा रही हैं
लोकशाही : विश्व सर्वश्रेष्ठ राज्य व्यवस्था लोकशाही हैं। अबार्ह्म लिंक लोकशाही की परिभाश निम्नलिखित हैं :
" लोगो के लिए , लोगो द्वरा लोगो द्वरा चलती शासन व्यवस्था को लोकशाही करते हैं "
प्रचीन भारत में शिक्षण व्यवस्था श्रेष्ठ थी। भारत में तक्षशिला , नालंदा , वलभी पुर , ओदंतपूरी विक्रमशिला , जेसी विधापीठ थी हजरों विधार्थियों यह विधापीठ में अभ्यास करते थे | विदेशी लोग भी इस विधापीठ में पढ़टे थे शिक्षण में वेदों उपनिषदों , निति शास्त्र , बरह्मविधा , बुतविधा शास्त्रीविधा सर्पविधा , दर्शनविधा अध्यात्मिक , तर्कशास्त्र और मुस्लिम शासन कल दरमियान शिक्षण दिया जाता था
निष्कर्ष : विश्व को विविध प्रकार की राज्य व्यवस्था चाहिए ही यह राज्य में व्यवस्था लोकशाही उतम राज्य व्यवस्था हैं शासन में लोगो का अभिप्राय का स्थान हैं | शासन लोगो दवरा चलती हैं समानता यह लोगो का अगत्तय का लक्षण है
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